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Tuesday, July 03, 2007

उस अजनबी का यूँ ना इंतज़ार करो
इस आशिक दिल का ना ऐतबार करो
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू
इतना कभी ना किसी से प्यार करो


दिल कि आवाज़ को इजहार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है
सिर्फ पाने का नाम इश्क नही.
कुछ खोने को भी प्यार कहते है


हर आहट एहसास हमारा दिलायेगी.,
हर हवा खुशबु हमारी लायेगी.;
हम दोस्ती ऐसी निभाएंगे यारा!
कि हम ना होंगे और हमारी याद तुम्हे सतायेगी..

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