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Wednesday, August 01, 2007

मायूस मत होना

मायूस मत होना यह एक गुनाह होता है
मिलता वही है जो किस्मत में लिखा होता है

हर चीज़ मिले हमें यह ज़रूरी तो नही
कुछ चीजों का ज़िक्र दूसरे जहाँ में होता है

जो खुद को कोसते हैं वो शायद बेखबर हैं
कुछ पालने का इख़्तियार खुद पे भी होता है

हर एक को बर्सर-ए-इलज़ाम क्यों ठहरायें हम
अपने सामने भी तो एक आईना होता है

हम अपनी जिन्दगी से क्यों हार जायें
गर डूबता है सूरज तो कल भी उजाला होता है....

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