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Sunday, August 12, 2007

खुश रहो

खुश रहो जिन्दगी है छोटी , हर पल में खुश रहो
आफिस में खुश रहो, घर में खुश रहो..
आज पनीर नही है, दाल में ही खुश रहो,
आज जिम जाने का समय नही, दो कदम चल के ही खुश रहो..
आज दोस्तो का साथ नही, टीवी देख के ही खुश रहो..
घर जा नही सकते तो फ़ोन कर के ही खुश रहो
आज कोई नाराज़ है, उसके इस अंदाज़ में भी खुश रहो..
जिससे देख नही सकते उसकी आवाज़ में ही खुश रहो
जिससे पा नही सकते उसके याद में हे खुश रहो
MBA
करने का सोचा था, S/W में ही खुश रहो
Laptop
ना मिला तो क्या, Desktop में ही खुश रहो..
बीता हुआ कल जा चुका है, उससे मीठी यादें है,उनमे ही खुश रहो..
आने वाले पल का पता नही..सपनो में ही खुश रहो..
हसते हसते ये पल बिताएँगे, आज में ही खुश रहो
जिन्दगी है चोटी , हर पल में खुश रहो

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