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Monday, August 27, 2007

SMS - Part 07

आशिक ने पूछा खुदा से
" तुने दुनिया को प्यार का दुश्मन क्यों बना दिया । "
खुदा हँसा और बोला
" आशिकों ने कौन सा मेरे साथ अच्छा किया
उन्होने भी तो यार को खुदा बना दिया ।"



ना जिन्दगी मिली , ना वफ़ा मिली ,
ना जाने क्यों हमसे हर ख़ुशी खफा मिली
झूठी मुस्कान लिए अपना गम छिपाते रहे ,
सच्चा प्यार करने कि भी क्या ख़ूब सज़ा मिली




हज़ारों झोपडियाँ जलकर राख होती है ,
तब जाकर एक महल बनता है
आशिकों के मरने पर कफ़न भी नही मिलता ,
और हसीनों के मरने पर ताजमहल बनता है





हम दोस्त बनकर किसी को रुलाते नहीं ,
दिल में बसाकर भुलाते नहीं
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे दे पर ,
आप सोचते है , हम दोस्ती निभाते नहीं




रुसवा हो जाते है , कुछ अपने इस क़दर ,
नही होती उम्मीद सुलह होने कि
यादों में ही खत्म हो जाती है जिन्दगी ,
नही रह जाती गुंजाईश किसी पर फना होने कि






पानी कि तरह सारे अरमान बह गए ,
उसके चले जाने के बाद हम अकेले रह गए
चाहते थे हम जिसे जान से भी ज्यादा ,
वो चाहते नही हमे , सरे आम कह गए







वो तो दीवानी थी , मुझे तन्हा छोड गयी ,
खुद ना रूक सकी तो , अपना साया छोड़ गयी
दुःख ना सही गम तो इस बात का है ,
आंखों से करके वादा , होंठों से तोड़ गयी

जिन्दगी के लिए ही वक़्त नही

हर ख़ुशी है लोगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिए वक़्त नही
दिन रात दौड़ती दुनिया में,
जिन्दगी के लिए ही वक़्त नही

माँ कि लोरी का एहसास तो है,
पर माँ को माँ कहने का वक़्त नही
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हें दफनाने का भी वक़्त नही

सारे नाम Mobile में हैं,
पर दोस्ती के लिए वक़्त नही
गैरों कि क्या बात करें,
जब अपनों के लिए ही वक़्त नही

आंखों में है नींद बड़ी,
पर सोने का वक़्त नही
दिल है ग़मों से भरा हुआ,
पर रोने का भी वक़्त नही

पैसों कि दौड़ में ऐसे दौड,
कि थकने का भी वक़्त नही
पराये एहसासों कि क्या कद्र करें,
जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नही

तू ही बता जिन्दगी,
इस जिन्दगी का क्या होगा,
कि हर पल मारने वालों को,
जीने के लिए भी वक़्त नही......

जिन्दगी जीने के काबिल ही नहीं

आज के दौर में दोस्त ये मंज़र क्यूँ है.
ज़ख्म हर सर पे हर हाथ में पत्थर क्यूँ है

जब हकीकत है कि हर ज़र्रे में तू रहता है
फिर ज़मीं पर कहीँ मस्जिद कहीँ मंदिर क्यूँ है

अपना अंजाम तो मालूम है सबको फिर भी
अपनी नज़रों में हर इन्सान सिकंदर क्यूँ है

जिन्दगी जीने के काबिल ही नहीं अब दोस्त
वर्ना हर आंख में अश्कों का समंदर क्यूँ है

जीने क लिए बस १ कमी की तलाश कर।

कुंवारी कन्या को miss कहते है,
उसके चुम्बुन को kiss कहते है.
Miss को kiss करना मुश्किल है,
इसलिये किशमिश के भाव तेज रहते है

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आंख से गिरा आंसू कोई उठा नही सकता,
किस्मत में लिखा कोई मिटा नही सकता.
दोस्तो में बसती है जान हमारी,
हमारी जान को हमसे कोई चुरा नही सकता


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रहने दे आसमां ज़मीन की तलाश कर,
सब कुछ यहीं है ना कहीँ और तलाश कर.
हर आरजू पुरी हो तो जीने का क्या मज़ा,
जीने लिए बस कमी की तलाश कर

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दुनिया बदल जाये , तुम बदलना,
मुश्किलो में हो जब भी,याद हमे कर लेना.
मांगे भी आपसे तो क्या मांगे?
देना कुछ चाहो तो बस मुस्कुरा देना.

पहली बारिश मॆं ही, सब रंग उतर जाते हैं

इश्क के फूल भी खिलते हैं, बिखर जाते हैं
ज़ख्म कैसे भी होँ, कुछ रोज़ में भर जाते हैं
उन ख्वाबों में अब कोई नही और हम भी नही
इतने रोज़ से आये हैं, चुप चाप गुज़र जाते हैं
नर्म आवाज़, भोली बातें, मोहज्ज़ाब लहजा
पहली बारिश मॆं ही, सब रंग उतर जाते हैं
रास्ता रोके खादी है, वही उलझन कब से
कोई पूछे तो कहें क्या के किधर जाते है

करते बयां तो महफिल को रुला देते

आज हम उन्हें बेवफा बताकर आये हैं ,
उनके खतों को पानी मे बहाकर आये हैं ,
कोई निकल कर पढ़ ना ले उन्हें ,
इसलिये पानी मे भी आग लगाकर आये हैं...




दूर जाकर भी उनसे दूर जा ना सके,
कितना रोये किसी को बता ना सके,
गम ये नही के हम उन्हें प ना सके,
दर्द सिर्फ ये है के हम उनको भुला ना सके...





जाने कैसे ये अफसाने लगने लगे,
अपनों को हम बेगाने लगने लगे,
अब तो वो हमे याद भी नही करते,
शायद उन्हें हम पुराने लगने लगे...






कह कोई ऐसा मिला जिस पर दिल लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया किस किस को भुला देते,
अपने दिल का दर्द दिल ही मे दबाये रखा है,
करते बयां तो महफिल को रुला देते...

जिन्दगी की शुरुआत दोस्तो से है

खुशी भी दोस्तो से है,
गम भी दोस्तो से है,

तकरार भी दोस्तो से है,
प्यार भी दोस्तो से है,

रुठना भी दोस्तो से है,
मनाना भी दोस्तो से है,

बात भी दोस्तो से है,
मिसाल भी दोस्तो से है,

नशा भी दोस्तो से है,
शाम भी दोस्तो से है,

जिन्दगी की शुरुआत भी दोस्तो से है,
जिन्दगी मे मुलाकात भी दोस्तो से है,

मौहब्बत भी दोस्तो से है,
इनायत भी दोस्तो से है,

काम भी दोस्तो से है,
नाम भी दोस्तो से है,

ख्याल भी दोस्तो से है,
अरमान भी दोस्तो से है,

ख्वाब भी दोस्तो से है,
माहौल भी दोस्तो से है,

यादे भी दोस्तो से है,
मुलाकाते भी दोस्तो से है,

सपने भी दोस्तो से है,
अपने भी दोस्तो से है,

या यूं कहो यारो,
अपनी तो दुनिया ही दोस्तो से है

Wednesday, August 22, 2007

SMS - Part 06

दिल से उनकी याद ना जाये तो क्या करूं
किसी और पर दिल ना आये तो क्या करूं
जीना तो चाहते है उनके बिना हम भी
जीने की वजह समझ ना आये तो क्या करूं





हमने अनजाने में उन्हें कभी रुला दिया
उन्होने दुनिया के कहने पर हमको भुला दिया
हम तो वैसे भी अकेले थे , क्या हुआ अगर
उन्होने एहसास करवा दिया






हर इलज़ाम का हकदार वो हमे बना जाते
हर खता कि सज़ा वो हमे सुना जाते
हम हर बार खामोश रह जाते
क्यूंकि वो अपना होने का हक जता जाते





जाने किस बात की मुझे सज़ा देता है
मेरी हंसती हुई आंखों को रुला देता है
मुद्दत से खबर नही आयी तेरी
कोई इस तरह भी किसी को भुला देता है





रूठे है वो कुछ इस तरह हमसे
कि उन्हें समझाना भी मुश्किल हो गया
क्या पता कोई खता हो गयी हमसे
या कोई और उनके ज़्यादा करीब हो गया





ना जाने कौन सी बात आखिरी हो जाये
ना जाने कौनसी रात आखिरी हो जाये
हाल-चाल पूछते रह करो हमसे
ना जाने कौनसी सांस आखिरी हो जाये





प्यार एक ऐसा एहसास है
जो हर दिल के पास है
लेकिन हर कोई इसे समझ ले
यह मुमकिन नही
इसलिये तो सच्चा प्यार किसी-किसी के पास





उसने होंठों से छूकर
सारा पानी गुलाबी कर दिया
उसने होंठों से छूकर
सारा पानी गुलाबी कर दिया
हमको तो क्या
सारी मछलियों को शराबी कर दिया

Sunday, August 19, 2007

SMS - Part 05

आपकी दोस्ती को एहसान मानते है,
दोस्ती निभाना ईमान मानते है
वो और होंगे जो दोस्ती में जान देते है,
हम तो दोस्त को ही अपनी जान मानते है


अगर मंज़िल को पाना है तो हौसला साथ रखना,
अगर प्यार को पाना है तो ऐतबार साथ रखना,
अगर हमेशा मुस्कुराना है तो हमे साथ रखना


तेरे अकेलेपन में साथ तेरा हम निभाएंगे,
तेरी तनहाइयों में तेरे पास हम आएंगे
तू एक बार आजमा कर तो देख,
खुद मिट कर भी तेरी पहचान बनायेंगे



प्यार आंखों से जताया तो बुरा मान गए,
हाल--दिल हमने सुनाया तो बुरा मान गए
वो तो हर रोज़ रुलाया करते थे,
एक रोज़ हमने रुलाया तो बुरा मान गए


जब आपकी याद आती है ,
होंठो पर एक ही फरियाद आती है
खुदा अपको हर ख़ुशी दे क्यूँकि ,
आज भी हमारी हर ख़ुशी अपके बाद आती है



मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो




लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है





भूलना ना हमे कभी ,
हम आपको ना भूल पाएंगे
नाराज़ ना होना ,
हमारी शरारतों से ,
इन्ही शरारतों से हम ,
हमेशा आपको याद आएंगे