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Thursday, August 02, 2007

इस दो पल कि ज़िन्दगी में

इस दो पल कि ज़िन्दगी में तन्हाई क्यों है,
लोगो को हमसे रुसवाई क्यों है,
इस दुनिया मे इन्सान कम नही है,
फिर भी हमारे साथ सिर्फ हमारी परछाई क्यों है.........

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