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Monday, August 13, 2007

दुनिया में किसी पे यकीं नही करना

साल दर साल यूँ ही गुजर जायेंगे
रिश्तों के मायने शायद बदल जायेंगे
पर यकीं रखना हमारी दोस्ती पे सनम
तन्हाई में याद करना और हम नज़र आएंगे.

रात के अँधेरे सुबह खो जाते है
हम गम के राहों में भी मुस्कराते है
दुनिया में किसी पे यकीं नही करना
यहाँ वक़्त से भी जल्दी लोग बदल जाते है

फूलों सी खुशबू तुम्हारे दामन से आयेगी
अँधेरी रातों की मनहूसियत गुजर जायेगी
आज है तो ना समझो मेरी कीमत मेरे दोस्त
हम ना होंगे, तुम्हें मेरी याद बहुत आयेगी

किसी को दवा किसी को दुआ काम आयेगी
कीमत मेरी दोस्ती करके समझ आयेगी
हम तो गम के भी हमसफ़र बन जाते है
आज नही तो कल ये बात तुमें याद आयेगी

तुम्हें तुम्हारी चाहतों कि दुनिया हासिल हो
मेरे दोस्त मेरी हर ख़ुशी में शामिल हो
हम तो परवाने है और मेरा ठिकाना कहां
वो हर शै तुम्हें मिले जिसके तुम काबिल हो

आज से हर पल तुम्हारा गुलाम होगा
खुदा भी तुम पे मेहरबान होगा
मुझे पता है ये दोस्ती कबूल करोगे
यहाँ हर इन्सान तुम्हारा होगा

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